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हरित खाद की ताकत: ज़मीन को प्राकृतिक बल!
कृषि वार्ताAgroStar
हरित खाद की ताकत: ज़मीन को प्राकृतिक बल!
👉मध्य प्रदेश – देश का “अन्नदाता राज्य” – जहाँ कृषि मुख्य आजीविका है। लेकिन लगातार रासायनिक खादों के उपयोग से मिट्टी की ताकत कम हो रही है। ऐसे में हरित खाद (Green Manure) एक बेहतरीन, प्राकृतिक और सस्ता उपाय है।👉ढैंचा, सन, मूँग, लोबिया जैसी फसलें हरित खाद के रूप में उपयोग की जाती हैं। इन्हें खाली खेतों में बोया जाता है और 35-40 दिन बाद खेत में जोत दिया जाता है। ये फसलें वायुमंडल से नाइट्रोजन लेकर मिट्टी में जमा करती हैं, जिससे अगली फसल को भरपूर पोषण मिलता है।👉एमपी के मालवा, विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्रों में अब कई किसान हरित खाद अपना रहे हैं क्योंकि इससे मिट्टी की नमी बनी रहती है, जैविक सक्रियता बढ़ती है और उत्पादन में सुधार होता है।👉तो किसान भाइयों, हर बार रासायनिक खाद पर निर्भर रहने की जगह, इस बार हरित खाद को अपनाइए – और अपनी ज़मीन को दीजिए प्राकृतिक शक्ति और लंबे समय की उर्वरता!👉 संदर्भ : AgroStarकिसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट 💬करके ज़रूर बताएं और लाइक 👍एवं शेयर करें धन्यवाद।
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